नेतागिरी के चलते ग्वालियर शहर में आने वाले सभी नेताओं को जब नजर किया गया तब पता चला कि कोरोना छुट्टी पर चला गया है और नेताओं के डर से कहीं भाग कर छुप गया है लेकिन हकीकत में सितंबर माह में आने वाले कोरोना के पेशेंट 100 से लेकर 200 तक मिलते आ रहे हैं और मरने वालों की संख्या जी बढ़ती जा रही है लेकिन हमें जनता से क्या लेना देना हम तो सिर्फ अपनी नेतागिरी मांजने मैं लगे हुए हैं और फिर देखने को बचा ही क्या है कौन मर रहा है और कौन जी रहा है अगर संज्ञान करें कि माह जनवरी से यही सिलसिला सिलसिलेवार चला रहा है या हमको मध्यप्रदेश में सरकार गिराना हो या किन्हीं नेता और अभिनेता क का स्वागत करना हो तो हम कोरोना को छोड़कर तैयारी से उनके स्वागत में लग गए हम भूल गए कि कोरोना जैसी बीमारी हमारे हिंदुस्तान में पांव पसार चुकी है ठीक है
नेतागिरी के सामने कोरोना फेल